Bewafa Shayari in Hindi : बेवफा शायरी का बेहतरीन संग्रह लेकर आए हैं। (बेवफा शायरी अपनी गर्लफ्रेंड और बॉयफ्रेंड के साथ Bewafa Shayari (बेवफाई शायरी) Shayari On Bewafa in Hindi Sad Bewafa Shayari
Bewafa Shayari In Hindi (खतरनाक बेवफा शायरी इन हिंदी)
हवा दूर तक ले आती है खुशबू तेरी
तुम हो मृग कोई कस्तूरी तो नहीं
रात खाली और दिन अंधेरा सा है
ये तुम से हिज़ की बे-नूरी तो नहीं
हमारी ग़ज़लों ने मशहूर किया तुमको
यार हम से करो मगरूरी तो नहीं
चार दीवारों और छत से थोड़ी हिफाजत मिले
खलल जब रिश्तों में हो, कमी हो परिवार की
कोई तकता है तेरी राह सूनी आँखों से
उसके जीवन में लगे कमी सायादार की
Dard Bhari Bewafa Shayari In Hindi (दर्द भरी बेवफा शायरी इन हिंदी)
मेरी दरियादिली तेरे काम तो आयी कभी
मैं ना चाहूँ तू बिताये जिंदगी उधार की
ना तो मैं कमजोर हूं और ना ही भोला भाला हूँ मुझ को पर आदत नहीं बेकार के अधिकार की
काफी गुजर गयी है अब बाकी भी गुजर जाएगी.
मुझ को रहे तलाश इस जहाँ में जाँ निसार की
वो हर रोज गुजरकर तेरी गली से जाना याद आता है,
खुदा ना खास्ता वो तेरा मिल जाना याद आता है।
यूँ ही गुजर गया वो जमाना तुम्हारे इन्तजार का,
आज भी मुझे वो गुजरा जमाना याद आता है।
Bewafa Shayari In Hindi 2-Line (बेवफ़ा शायरी इन हिंदी 2-लाइन)
सुना है कि आज भी हमारी बातें करते है लोग,
आज भी सबको वो अपना अफसाना याद आता है।
कर लिया यक़ीन हमने भी उसके वादों पे,
मगर उसने तो बेरुखी हमारे नाम कर दी।
हम मनाते रहे ग़म अपनी मात पर चुपचाप,
मगर उसने तो मेरी चर्चा सरे-आम कर दी।
ये खुदगर्ज़ी ही आदमी की दुश्मन है “मिश्र”,
जिसने इंसान की नीयत ही नीलाम कर दी।
शाम से आँख में नमी सी है
आज फिर आप की कमी सी है
Girls Bawafa Shayari In Hindi (लड़कियों के लिए बेवफा शायरी इन हिंदी)
वक़्त रहता नहीं कहीं थमकर
इस की आदत भी आदमी सी है
एक रोज बनाकर आईना तुमको खुद को,
तुझमे निहारने की सोचा है मैंने ।
उस आईने में जो मैं खुद भी समा जाऊ तो,
ऐ राज किसी बात का मलाल मत करना।
माना कि मेरी हसरतों के पर अब उड़ान में है तू,
आज भी इससे वाकिफ़ नही है ।
बदल गया है अब तो तुझसे रूबरू मिलने का मौसम,
गुजारिश है पिछले साल में मत रहना।।
Boys Bawafa Shayari In Hindi (बेवफ़ा शायरी फोर boys)
जब से बिछड़ कर के मुझसे वो जीने लगा है
सुना है कि वो अब बहुत पीने लगा है.
तुझे क़ुबूल करे या शिकश्त खा जाए
अभी दिमाग से दिल की लड़ाई जारी है
तन्हा ही सही लड़ तो रही है वो अकेली
बस थक के गिरी है अभी हारी तो नहीं है
इतनी अच्छी भी नहीं जितनी तुम
तारीफ कर जाते हो, कही किसी और
के हिस्से की तारीफ चुरा के तो नहीं
लाते हो.
शुरू जो प्यार का ये सिलसिला नहीं होता,
ये रोग दिल को हमारे लगा नहीं होता।
Teri Bewafa Shayari (तेरी बेवफाई शायरी)
मैं चाहता हूँ के एक पल को भूल जाऊं उसे,
मगर ख्याल है उनका जुदा नहीं होता।
कभी के मौत की बाँहों में सो गए होते,
हराम गर इसे मअबूत ने किया नहीं होता।
खुशी से ज़िंदगी अपनी भी काट गई होती,
वफ़ा के नाम पे धोखा अगर मिला नहीं होता।
वो कब्र पे मेरी दो अश्क ही बहा देते,
कसम खुदा की हमें फिर गिला नहीं होता।
कुछ और उनकी भी मजबूरियां रही होंगी,
यूँ ही तो कोई सनम बेवफा नहीं होता।
वो इस तरह से भुलाते ही क्यों हमें जाफर,
ख़राब गर ये मुक़द्दर मेरा नहीं होता।